लेखनी कहानी -06-august -2022 Barsaat (Love ♥️ and tragedy ) episode 22
हिमानी ने हंशित का धन्यवाद किया उस दिन के लिए अब उन दोनों ने दोस्ती कर ली थी । इस तरह उनके प्यार की शुरुआत दोस्ती से हुयी। हंशित को हिमानी के साथ समय गुज़ारना अच्छा लगने लगा था उसे नही देखता तो बेचैन सा हो जाता।
तभी वहा एक घोड़ा दिखाई दिया। हंशित को घोड़े से बेहद डर लगता था क्यूंकि बचपन में एक बार वो घोड़े पर से गिर गया था । ये बात उसने जब सब को बताई तो सब हसने लगे तब ही हिमानी बोली " अगर आप बुरा ना माने तो मैं आपको सही तरीका बता सकती हूँ फिर आप कभी नही गिरेंगे घोड़े पर से "
हंशित तो तैयार ही बैठा था । हंशित को हिमानी ने घुड़ सवारी सिखाई ।दोनों ने खूब मस्ती की उसके दोस्त उन्हें देख खुश हो रहे थे।
हंशित ने हिमानी को तस्वीर निकालना सिखाई कैमरे से जिस वजह से वो दोनों और नजदीक आ गए थे । हिमानी भूल बैठी थी की उसकी शादी सुरेन्द्र से होना हे उसके कदम बहकने लगे थे । वो अपने दिल के हाथो मजबूर हो बैठी ।
हंशित भी उसे दिल दे बैठा लेकिन दोनों ने अभी बताया नही एक दूसरे को। घर आकर भी हिमानी हंशित के ही खयालो में खोयी रहती अगर नही भी रहती तो भव्या उसे याद दिला देती।
हंशित के दोस्त भी उसे देवदास कहकर बुलाने लगे क्यूंकि वो हिमानी के खयालो में खोया रहता था । उसने अपनी सारी तस्वीरे वेबसाइट पर अपलोड कर दी थी ।
दिन गुज़रते रहे वो लोग कभी कही घूमने जाते तो कही सिर्फ एक जगह रह गयी थी जहाँ हंशित नही गया वो था बाबा का दरबार और हंशित वहा जाना भी नही चाहता था । शायद कुछ नाराज़गी थी उसकी भगवान से इसी वजह से वो जाना नही चाहता था उसका विश्वास उठ चुका था शायद जब भी हिमानी वहा जाने का कहती वो बात काट देता। हिमानी उसके इस तरह के रावइये के पीछे छिपे राज़ को जानना चाहती थी पर मौका नही मिल रहा था ।
हिमानी और हंशित एक दिन आ रहे थे तब ही कविता जी ने उसे देख लिया और बोली " ये क्या करती फिर रही हे तू, हमारी इज़्ज़त को धूल में मिलाना चाहती हे सेलनियों के नाम पर गैर मर्दो के साथ रंग रलिया मनाती फिर रही हे आज आती हूँ तेरे घर बैठ कर बात होगी "
"आंटी ऐसा कुछ नही हे जैसा आप सोच रही हो ये सिर्फ मेरा दोस्त हे और एक सेलानी " हिमानी ने कहा
राम राम, पंडित जी की बेटी लड़को से दोस्ती कर रही हे हम तो इसे सती सावित्री समझते थे ये तो ना जाने कैसे कैसे शहरी लड़को के साथ गुलछर्रे उड़ा रही हे । कविता जी ने कहा
"चुप जाओ भाग्यवान, यहाँ सड़क पर हंगामा मत करो जो भी बात हे घर चल कर कर लेंगे " कविता जी के पति ने कहा
"फैसला अभी होगा अभी घर चलेंगे इसके हम और बताते हे पंडित जी को की उनकी बेटी सेलनियों को घुमाने के नाम पर क्या कर रही हे " कविता जी ने कहा
"आंटी मैं नही जानती की आप कौन हे लेकिन इतना बता दू की हिमानी हमारी दोस्त हे " श्रुति ने कहा जो अभी अभी वहा आयी थी ।
अब कौन दोस्त हे और कौन दुश्मन इस बात का फैसला पंडित जी और मेरा बेटा करेगा चल घर चल ये कह कर कविता जी हिमानी का हाथ पकड़ कर ले गयी ।
"आंटी मेरा हाथ छोड़ दीजिये मैं चल रही हूँ " हिमानी ने कहा
"श्रुति और हंशित भी उसके पीछे पीछे आ रहे थे
रास्ते में सुरेन्द्र भी मिल गया अपनी माँ को हिमानी के साथ इस तरह बर्ताव करते देख दौड़ा चला आया और बोला " माँ ये क्या कर रही हो तुम "
"बेटा तू इसके घर चल फिर बताती हूँ इसकी करतूते ये किस तरह हम लोगो को बेवक़ूफ़ बना रही थी सती सावित्री बनने का ढोंग रचा कर " कविता जी ने कहा
"माँ तुम उसका हाथ छोड़ो उसे दर्द हो रहा होगा " सुरेन्द्र ने कहा
हिमानी रोने लगी और बोली " आंटी मेरा हाथ दुख रहा हे "
थोड़ी देर बाद वो लोग हिमानी के घर आ गए जहाँ कविता जी को इस तरह देख हरी किशन जी और वैशाली जी घबरा गए ।
हिमानी अंदर जाकर अपनी माँ के गले लग गयी रोते हुए । वैशाली जी बोली घबराते हुए " बहन जी क्या हुआ आप इस तरह क्यू बर्ताव कर रही हे बताओ सुरेन्द्र ऐसा क्या किया हे मेरी बेटी ने "
"ये सब आप अपनी बेटी से पूछिए जो बाहर सेलनियों को घुमाने के नाम पर उनके साथ गुल छर्रे उड़ाती फिर रही हे " कविता जी ने कहा
"नही माँ ऐसा कुछ नही हे जैसा आंटी बता रही हे " हिमानी ने रोते हुए कहा
"आंटी ऐसा कुछ नही हे जैसा ये आंटी बता रही हे " श्रुति ने कहा
हरी किशन जी बोले "भाभी आपको कोई गलत फ़हमी हुयी होगी मेरी बेटी ऐसा वैसा कुछ नही कर सकती "
हम लोग झूठ बोल रहे हे , मेने खुद देखा हे आपकी बेटी को इस लड़के के साथ यकीन नही हो तो इससे पूछलो की आखिर ये इस लड़के के साथ क्या कर रही थी।जबकी इसका रिश्ता मेरे बेटे के साथ तय हे और कुछ दिन बाद इसकी शादी हे ।
हंशित ने जब ये सुना तो सकते में आ गया उसने हिमानी की तरफ देखा ।
बताओ क्यू नही बताते की आखिर तुम्हारा मेरी होने वाली बहु के साथ क्या रिश्ता हे क्यू वो तुम्हारे साथ घूम रही थी । कविता जी ने कहा
हंशित कुछ कहता तब ही हरी किशन जी बोल पड़े " किसी को कुछ कहने की ज़रुरत नही, मुझे अपनी बेटी पर पूरा भरोसा हे वो कोई ऐसा गलत काम करने का सोचेगी भी नही जिससे हमारे नाम और खानदान की बदनामी होगी।
मुझे हिमानी के मुँह से सुनना हे बताओ हिमानी ये सामने खड़ा लड़का सिर्फ एक सेलानी ही हे ना या कुछ और।
हिमानी ने हंशित की तरफ देखा जो की उदास चेहरा लिए खड़ा था । भव्या उसके बराबर में थी उसने उसकी तरफ देखा उसे अपनी गलती का एहसास होने लगा वो खुद को शर्मिंदा समझने लगी अपने पिता की नज़रो में वो पिता जो उस पर भरोसा करता हे और वो ना जाने कहा खो गयी थी और अपने कदम किसी और के लिए बहकाने लगी थी ।
हिमानी ने कहा " पापा ये सिर्फ मेरे लिए एक सेलानी हे जिसको घुमाना मेरा काम हे , मैं झूठ नही कह रही कविता आंटी ने जो कुछ देखा और समझा सब गलत था मैं कभी भी ऐसा करने की नही सोच सकती थी । हिमानी ने अपने दिल में उठ रहे हंशित के लिए मोहब्बत के ज़ज़्बातो को अपने ही दिल में दफन करते हुए कहा क्यूंकि उसे समझ आ गया था की वो गलत रास्ते पर चल रही थी जिसकी कोई मंजिल नही थी "
"मुझे यही उम्मीद थी बेटा तुमसे भाभी अब आपने भी अपने कानो से सुन लिया की मेरी बेटि और सामने खड़े इस लड़के का मेरी बेटी से क्या रिश्ता हे। अब आयींदा मेरी बेटी के काम में आप हस्तशेप नही करेंगी जब तक वो मेरे घर हे मुझे अपनी बेटी पर पूरा भरोसा हे आप लोग जा सकते हे यहाँ से और मेरी बेटी जब चाहे अपने काम पर जा सकती हे मुझे उस पर भरोसा हे " हरी किशन जी ने कहा हाथ जोड़ते हुए
"नही नही पंडित जी आप ये सब ना करे माफ़ी तो हमें मांगनी चाहिए जो इस तरह अपनी होने वाली बहु पर इल्जाम लगाया हमने " कविता जी के पति ने कहा
जी काका मैं भी शर्मिंदा हूँ और माँ की तरफ से माफ़ी मांगता हूँ हमें माफ कर दीजिये। सुरेन्द्र ने कहा।
हंशित और हिमानी एक दूसरे को देख रहे थे । हंशित को अभी भी यकीन नही हो रहा था की आखिर उसे इतना बुरा क्यू लग रहा हे हिमानी की शादी की बात सुन कर।
वो वहा से चला गया । श्रुति उसके पीछे पीछे गयी ।
हंशित गुस्से में कमरे में आया और वहा रखी चीज़े तोड़ने लगा उसे बेहद गुस्सा था उसे ऐसा लग रहा था मानो कोई उसकी किसी कीमती चीज को उससे दूर कर रहा हे ।
लेकिन उसे अभी भी समझ नही आ रहा था की ऐसा क्यू हो रहा हे । काफी देर बाद जब उसका गुस्सा शांत हुआ तब उसके दोस्त उसके पास आये और बोले " हम जानते हे जो कुछ भी आज हुआ श्रुति ने हमें सब बता दिया तू इस बात से खफा हे ना की वो किसी और के साथ बंधने जा रही हे "
"नही मुझे क्यू बुरा लगेगा आखिर कौन हूँ मैं उसका "हंशित ने कहा
"बहुत कुछ अगर तू अपने दिल से पूछे " श्रुति ने कहा
"क्या मतलब तुम्हारा श्रुति " हंशित ने पूछा
"यही की तुम्हे उसका इस तरह किसी और के साथ नाम जुड़ना पसंद नही आया क्यूंकि कही ना कही तुम उसके साथ अपना नाम जोड़ना चाहते हो तुम्हे उससे मोहब्बत हो गयी हे ," लव ने कहा
"मोहब्बत और मुझे लेकिन कब " हंशित ने पूछा
"शायद जब , जब तुम्हारी उससे पहली मुलाक़ात हुयी हो या फिर जब , जब तुमने उसे अपनी बाहो का सहारा दिया और गिरने से बचाया और या फिर जब , जब तुम दोनों पहाड़ से नीचे गिरे और उसने तुझे अपना मुहाफ़िज़ समझ कर तेरे सीने से लग गयी और तू भी उसे बचाने के खातिर उसे अपने सीने से लगाए रखा और उसे बचा ही लिया। बस कुछ इस तरह ही मोहब्बत दिल में घर कर जाती हे , और आज जब तुझे पता चला की उसका नाम तो किसी और के साथ जुड़ चुका हे तो तुझे बुरा लग रहा हे ऐसा सिर्फ तब ही होता हे जब आप किसी से प्यार करते हो और वो दूर जा रहा हो। तुझे उससे प्यार हो गया हे मेरे यार और वो भी सच्चा प्यार " कुश ने कहा
"क्या वो भी मुझसे प्यार करती हे या फिर ये एक तरफा मोहब्बत हे " हंशित ने कहा
"करती हे मेने उसकी आँखों में देखी हे तेरे लिए मोहब्बत लेकिन वो एक खुद्दार लड़की हे अपने माता पिता का मान रखने वाली लड़की वो मर जाएगी लेकिन इज़हार -ए -मोहब्बत नही करेगी । क्यूंकि वो जानती हे उसे अपनी इस मोहब्बत को पाने के लिए कौन कौन सी चुनौतीयों का सामना करना पड़ेगा शायद इसलिए वो खामोश खड़ी रही आज " श्रुति ने कहा
"इसका मतलब हम लोगो को कुछ करना होगा ताकि हिमानी अपने प्यार का इज़हार कर सके , कही ऐसा तो नही की उसे भी पता ना हो की उसे हंशित से मोहब्बत हो चली हे क्या पता वो भी अनजान हो इसकी तरह मोहब्बत से " जॉन ने कहा
"सही कहा तूने जॉन, अब हम लोगो को ही कुछ करना होगा उसके दिल में मोहब्बत का एहसास जगाने के लिए और इस काम में हमारी मदद एक ही लड़की कर सकती हे और वो हे भव्या हिमानी की बहन " लव ने कहा
"भव्या पर वो कैसे, वो क्यू हमारा साथ देगी " हंशित ने पूछा
"हम कोशिश करेंगे उससे बात करेंगे वो समझदार लड़की हे वो मुझे अपनी दोस्त समझती हे " श्रुति ने कहा
क्या भव्या मदद करेगी जानने के लिए पढ़िए अगले भाग में।
Renu
06-Aug-2022 11:26 PM
बेहद खूबसूरत 👌👌
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आँचल सोनी 'हिया'
06-Aug-2022 09:43 PM
वाह.... बेहतरीन👌🌺
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Gunjan Kamal
06-Aug-2022 09:20 PM
शानदार भाग
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